गरियाबंद: धान खरीदी की तैयारियों के बीच गरियाबंद जिले में सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने आज अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिले की 67 समितियों के करीब 400 कर्मचारियों ने काम बंद कर गांधी मैदान से विशाल रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. कर्मचारियों ने खरीदी प्रक्रिया में देरी का ठीकरा उनके सिर पर फोड़ने का विरोध किया और आउटसोर्सिंग के जरिए कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पर आपत्ति जताई.
दिवाली के बाद सोने-चांदी की निकल गई हेकड़ी, फिर औंधे मुंह गिरे भाव प्रदर्शन के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन सतर्क रहा और कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. संघ के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम हितेश्वरी वाघे को ज्ञापन सौंपा. छत्तीसगढ़ में 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है.
इससे पहले सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने सुखत की भरपाई, उठाव में देरी पर जवाबदारी तय करने, आउटसोर्सिंग भर्ती पर रोक लगाने, वेतन में कटौती खत्म करने, सेवा नियमों में संशोधन और मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर 3 लाख रुपये का प्रबंधकीय अनुदान देने की मांग रखी है.
सलाखों के पीछे पहुंचे सड़क पर पटाखे फोड़ने वाले उपद्रवी संघ के पदाधिकारियों ऋषिकांत मोहरे और दिनेश चंद्राकर ने बताया कि उठाव में देरी होने से कर्मचारियों को न केवल नुकसान की भरपाई करनी पड़ती है, बल्कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है.