नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन यानी इंडिया ब्लॉक ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद और वीआईपी के मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित किया है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ एनडीए पर दबाव बनाने के लिए रणनीतिक रूप से की गई है.
बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए 6 नवंबर और 11 नवंबर को चुनाव होंगे. नतीजे 14 नवंबर को आएंगे. इंडिया ब्लॉक पिछले दो दशकों से सत्ता पर काबिज सत्तारूढ़ एनडीए को हटाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरुवार को राजधानी पटना में विपक्ष के सीएम चेहरे की घोषणा का उद्देश्य चुनावी राज्य बिहार में हाशिए पर पड़े समूहों को संदेश देना और इंडिया ब्लॉक के भीतर एकता को प्रदर्शित करना भी था है.
आरजेडी नेता तेजस्वी प्रभावशाली यादव (ओबीसी) समुदाय से आते हैं, जिसने पिछले कई दशकों से राजद के साथ-साथ अन्य पिछड़े समूहों का भी समर्थन किया है. सूत्रों का कहना है कि इस बार विपक्षी गठबंधन में वीआईपी के शामिल होने और मछुआरा समुदाय से आने वाले मुकेश सहनी को आगे बढ़ाने से इंडिया ब्लॉक को अति पिछड़े समुदायों को लुभाने में मदद मिलेगी, जो परंपरागत रूप से जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करते रहे हैं.
बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों में से एक और एआईसीसी पदाधिकारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, \"यह सोचा-समझा कदम था. हमने अपने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम घोषित कर दिए हैं. इससे विपक्ष के भीतर नेतृत्व के मुद्दे पर स्पष्टता दिखाई दी है. इससे यह भी पता चला है कि विपक्ष एकजुट है. क्या एनडीए अब भी ऐसा ही करेगा और अपने नेतृत्व की स्थिति स्पष्ट करेगा? भाजपा दशकों से नीतीश कुमार का समर्थन करके सत्ता का आनंद लेती रही है, लेकिन कहती रही है कि एनडीए का मुख्यमंत्री चुनाव के बाद तय होगा. मतदाता अब दोनों समूहों (सत्तापक्ष और विपक्ष) का आकलन करेंगे.\"
पांडे के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा ने इंडिया ब्लॉक के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही कलह की खबरों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर जहां दोस्ताना मुकाबले होने की संभावना थी, वहां असमंजस की स्थिति को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी जल्द ही संयुक्त प्रचार अभियान शुरू करेगी, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया जाएगा.
22 अक्टूबर को, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गहलोत को राजद प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मिलने और गठबंधन के भीतर मतभेदों को सुलझाने के लिए पटना भेजा था. गुरुवार को इंडिया ब्लॉक में एकजुटता की घोषणा की गई, हालांकि राहुल गांधी उस समय मौजूद नहीं थे. पांडे ने कहा, \"गहलोत ने राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व किया. वह एक वरिष्ठ नेता हैं जिनका सभी सहयोगी सम्मान करते हैं. गठबंधन का संयुक्त अभियान जल्द ही शुरू होगा और मुख्य रूप से एनडीए सरकार की विफलताओं पर निशाना साधा जाएगा